Monday, June 17, 2013

उन्हें मैं याद हूं ........

उन्हें मैं याद हूं-रणवीर सिंह
-सौम्या अपराजिता 

रणवीर सिंह ने जब रुपहले पर्दे पर दस्तक दी थी,तो उस साधारण से चेहरे में दर्शकों ने समर्थ अभिनेता और भविष्य के स्टार की झलक देखी। पहली फिल्म' बैंड बाजा बारात' में खुशमिजाज़ और महत्वाकांक्षी युवक बिट्टू की भूमिका में रणवीर को दर्शकों और समीक्षकों ने पसंद किया। जब बिट्टू ने 'लेडीज वर्सेस रिक्की बहल' लड़कियों को ठगने वाले शातिर रिक्की बहल का चोला पहना तो भी वे सबको रास आए। फिर एक लम्बा दौर गुजरा ....रणवीर की कोई फिल्म नहीं आयी,पर वे चर्चा में बने रहें, कभी दीपिका पदुकोन से बढती नजदीकियों की वजह से,तो कभी अनुष्का शर्मा के साथ बनते-बिगड़ते रिश्तों की वजह से। रणवीर फिर से सुर्ख़ियों में हैं। इस बार वे अपनी नयी फिल्म 'लूटेरा' में प्रभावशाली मौजूदगी की वजह से दर्शकों के निगाहों में बसे हुए हैं।विक्रमादित्य मोटवानी निर्देशित 'लूटेरा' को रणवीर अपने अभी तक के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में एक मानते हैं। रणवीर सिंह से बातचीत -


आपकी पिछली फिल्म को रिलीज़ हुए लम्बा वक़्त गुजर गया है ...फिर भी आप चर्चा में बने रहें।
-मेरी पिछले फिल्म 'लेडीज वर्सेस रिक्की बहल' उन्नीस महीने पहले रिलीज़ हुई थी। नए एक्टर के लिए यह अच्छी बात नहीं है कि उसकी दूसरी और तीसरी फिल्म के बीच में इतना लंबा वक़्त गुजरे। इस बीच मेरी तीन-चार फिल्म निकल जानी चाहिए,पर किसी-न-किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाया। अच्छी बात है कि इतने लम्बे गैप के बाद भी मुझे लोग भूले नहीं हैं।उन्हें मैं याद हूं।  लोगों के बीच मेरी पॉपुलैरिटी बरकरार है। जो लोग मेरी फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं उनके लिए 'लूटेरा' की रिलीज़ ट्रीट होगी। 

'लूटेरा' की झलकियों को बेहद पसंद किया जा रहा है। खास कर आपके और सोनाक्षी सिन्हा के अलग अंदाज़ को दर्शकों की प्रशंसा मिल रही है।
-मुझे तो पहले टीज़र से ही अच्छा रिस्पांस मिलने लगा था। जब मैंने पहला टीज़र डाला था तभी से लोग कह रहे थे कि दूसरे गाने आते हैं जाते हैं पर 'लूटेरा' के जो गाने हैं वे आँखों को लुभाते हैं, दिल को छू जाते हैं और कानों को सुहाते हैं। फिल्मकार ने जो पीरियड क्रिएट की है ...जिस तरीके से शूट किया है जो विजुअल्स हैं लोगों को बहुत अच्छे लग रहे हैं। ...और गाने भी बहुत पसंद आये हैं  खास कर 'संवार लूं ...' जितना भी मैटर अब तक बाहर गया है लोगों को बेहद पसंद आया है। कुछ और गाने हैं जो जल्द टीवी पर दिखेंगे।' शिकायतें ..',' मन मर्जियां ... 'और 'जिंदा ..' ये   तीन मेरे फेवरेट हैं जो आने अभी बाकी हैं। उम्मीद करता हूं कि है प्रोमो मैटेरिअल से  यह फिल्म गरम  जाए और पहले तीन दिन तक के टिकेट की एडवांस बुकिंग हो जाए।

अपने कंटेंट और फील के कारण पाथब्रेकिंग सिनेमा की सूची में' लूटेरा' के शामिल होने की उम्मीद रखते हैं?
- विक्रमादित्य पाथ  ब्रेकिंग डायरेक्टर ही हैं। उन्होंन  पहली फिल्म ही पाथ ब्रेकिंग फिल्म बनायी थी  जो थी उड़ान ..। 'उड़ान' देखने मैं छठे हफ्ते में पीवीआर जुहू ग्यारह बजे रात में गया था। पूरा पैक्ड था सिनेमाहाल। मैंने बहुत सुना था इस बारे में कि  फिल्म बहुत अच्छी है। चार स्टार्स मिले हैं, लोग कह रहे थे कि  ऐसी पिक्चर बनी नहीं है। ..तो मैं बड़ी उम्मीदों के साथ फिल्म देखने गया था। मेरी उम्मीदों से भी बढ़ कर थी 'उड़ान'।  मैंने हैरत में पद गया कि  हमारी इंडस्ट्री में किसी ने ऐसी फिल्म बनायी है! मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था।  फिल्मफेयर अवार्ड्स में जब मैं विक्रमादित्य को मिला तो मैंने उनसे कहा कि मेरे लायक आपके पास कोई काम होगा तो बताना। मैंने उनसे कहा कि  मैं आपके साथ कभी भी काम मरने के लिए तैयार हूं।'उड़ान' देखते ही मैंने कहा था कि  यह बहुत मंझा हुआ फिल्म मेंकर है और इसके साथ मुझे कभी न कभी काम करना ही है। अगले दिन उन्होंने मुझे फ़ोन किया और' लूटेरा' की बाउंड स्क्रिप्ट उन्होंने मुझे दी जिसे  पढ़ते ही मुझे पता चल गया कि यह फिल्म तो करनी ही करनी है। मेरे हिसाब से विक्रमादित्य ऐसा डायरेक्टर है जो ऐसी फिल्में बनता है जो निश्चित रूप से हमारे सिनेमा के लिए सिग्निफिकेंट होंगी। अगर, हमारे सिनेमा को ग्लोबल स्टेज पर पहचान मिलेगी तो विक्रमादित्य का रोल होगा उसमें ..। अगर कोई पोसिटिव बदलाव हमारी फिल्म की क्वालिटी में आयेगा, तो उसमें विक्रमादित्य का उसमें बड़ा रोल  होगा।

अभी तक के अपने फ़िल्मी सफ़र में मील का पत्थर मानते हैं 'लूटेरा' को?
-कह सकते हैं। 'लूटेरा' मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण फिल्म है। मैंने इस फिल्म पर बेहद मेहनत की है। अपनी पहली फिल्म 'बैंड बाजा बरात' में मैंने एक्टिंग की पहली सीधी चढ़ी। दूसरी फिल्म 'लेडीज वर्सेस रिक्की बहल' में मैंने  पहली फिल्म से थोडा बेहतर किया। 'लूटेरा' में मैंने एक अलग ही अंदाज़ की एक्टिंग क्वालिटी को अपनाया है।' लूटेरा' कई वजहों से मेरे लिए स्पेशल है।

मेकिंग के दौरान आप किस तरह की चुनौतियों से गुजरें? शूटिंग पूर्व तैयारियां भी करनी पड़ीं?
सबसे बड़ी चुनौती तो थी कि  मुझे कैरेक्टर पकड़ में ही नहीं आ रहा था। मैंने विक्रमादित्य के साथ वर्कशॉप की और वर्कशॉप में पहले तीन चार दिनों के बाद ही मुझे तकलीफ होने लगी थी।मुझे कैरेक्टर पकड़ में ही नहीं आ रहा था।मैंने विक्रमादित्य को बोला  ...'यार .. मैं तो थक गया हूँ। कैरेक्टर मेरे पकड़ में नहीं आ रहा है .. तुमने गलत आदमी को ले लिया है। मैं यह कैरेक्टर हूँ ही नहीं। मैं साइलेंट वाली एक्टिंग कैसे करूँ? मुझे समझ में नहीं आ रहा है। मुझे तो ऐसे लग रहा है कि मैं एक्टिंग कर ही नहीं रहा हूँ।  जेब में हाथ रखकर ...कुछ बोलना नहीं है . डायलाग नहीं है . हाथों से भी एक्टिंग नहीं करनी है।' ...  विक्रम`ने मुझे समझाया। उसने कहा,' तू अपने डर  को छोड़ दे। तुझे लगता है कि नाच-गाना करना  और लोगों को हँसाना ही  एक्टिंग है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तुझे डर  है कि लोगों का मनोरंजन नहीं होगा। ...लेकिन एक ही टाइप की परफोर्मेंस नहीं होती है लाइफ में। कुछ अलग भी करना पड़ता है।' विक्रमादित्य के समझाने के बाद मैंने नए सिरे से अपने कैरेक्टर की तैयारियां की। 

सोनाक्षी और आप दोनों नए हैं,जोशीले हैं। सोनाक्षी का साथ कैसा रहा?
-शूटिंग के दौरान सोनाक्षी बेहद रिलैक्स रहती है। जहाँ शूटिंग के समय मैं और विक्रमादित्य तनाव में रहते थे,वहीँ सोनाक्षी मुस्कुराती रहती थी। वह ज्यादा सोचती नहीं है। टेक के पहले सोनाक्षी रिलैक्स रहती है और कैमरा ओन होते ही कैरेक्टर में घुस जाती है। यही वजह है कि उसकी परफोर्मेंस नेचुरल लगती है। ..तो मुझे सोनाक्षी से बहुत कुछ सिखने को मिला। उसके साथ एक्टिंग के एक्सपीरियंस के बाद मैं भी शूटिंग के दौरान थोडा रिलैक्स रहने लगा हूं। एक्टिंग के प्रति मेरा नजरिया थोडा बदला है।

'लूटेरा' के बाद आपकी फिल्मों की रिलीज़ में अन्तराल तो नहीं होगा?
-नहीं ...''लूटेरा' के बाद मेरी तीन फ़िल्में एक के बाद एक रिलीज़ होंगी। 'रामलीला' और 'गुंडे' की शूटिंग चल रही है। 'किल दिल' भी बनकर जल्द ही तैयार हो जायेगी। तो इस साल मेरी चार फ़िल्में रिलीज़ होंगी। बेहतर की उम्मीद है।

तो मान लें कि रणवीर की फिल्मों का मेला  लगने वाला है!
-जी बिल्कुल… ऐसा कह सकते हैं।

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