मां शोभा कपूर के साथ अपने स्नेह-भरे रिश्ते के कुछ पहलुओं को एकता ने जीटीवी के नए धारावाहिक पवित्र रिश्ता में पिरोने की कोशिश की है। धारावाहिक के विषय से एकता भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं। एक मुलाकात में एकता ने इस धारावाहिक से जुड़े भावनात्मक लगाव से अवगत कराया-
[दर्शकों को सिंपल चीजें पसंद हैं]
दर्शकों को जटिल चीजें अच्छी नहीं लगती हैं। वे ऐसे धारावाहिक देखना पसंद कर रहे हैं जिनमें नफरत और ईष्र्या से अधिक महत्व स्नेह और सम्मान को मिले। उन्हें रिश्ते की पवित्रता अधिक आकर्षित कर रही है। पति-पत्नी, भाई-बहन, मां-बेटे पर कई धारावाहिक बने हैं, पर मां-बेटी के रिश्ते पर कम बने है।
[इसकी कहानी दिल को छू लेगी]
मुझे यकीन है कि 'पवित्र रिश्ता' की कहानी दर्शकों के दिलों को छू लेगी। इसमें मां-बेटी के रिश्ते को पहले दिखाया जाएगा। फिर पति-पत्नी के रिश्ते को। मुझे लगता है दुनिया में यदि कोई रिश्ता सबसे पवित्र है, तो वह है मां-बेटी का। यह रिश्ता आपसी समझ और दोस्ती का होता है। वैसे इस धारावाहिक का कांसेप्ट हमारा नहीं है। इसे हमने किसी से लिया है। हां, हमें अपने अनुभव के आधार पर कहानी में कई परिवर्तन करने पड़े है। इसमें मराठी रंगमंच के कलाकारों के साथ-साथ जी सिनेस्टार की खोज के प्रतियोगी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं।
[मेरे रिश्ते की झलकियां दिखेंगी]
मैंने मां के साथ अपने अनुभवों को इसमें पिरोने की कोशिश की है। मां-बेटी के रिश्ते में दोस्ती का पुट ज्यादा होता है। जहाँ बेटी मां के साथ अपने हर अनुभव को बाँट सकती है, वहीं मां भी अपनी बेटी की परेशानियों और भावनाओं को समझ सकती है।
[..तब एहसास हुआ इस रिश्ते का]
जब मैं सत्रह साल की थी, तब मुझे पापा ने कुछ पैसे दिए और कहा, 'बेटा मैंने ये पैसे तुम्हारे लिए रखे हैं। इनसे तुम अपने लिए कुछ करना चाहती हो तो करो।' मैंने पापा से टीवी इंडस्ट्री से जुड़ने के विषय में बताया, तो पापा ने कहा, 'ठीक है, पर देख लो। इससे अधिक पैसे मैं नहीं दूंगा।' शुरुआत में मुझे कुछ पता नहीं था कि प्रोडक्शन का काम कैसे किया जाता है? मैंने कोई ट्रेनिंग भी नहीं ली थी। कुछ लोगों ने मुझे धोखा दिया। ऐसे समय में मां आगे आयीं और उन्होंने कहा, 'मैं तुम्हें कुछ और पैसे दूंगी। साथ ही तुम्हारे काम में तुम्हें हेल्प भी करूंगी।' ऑफिस आकर मां हर चीज का ज् हिसाब रखने लगीं। आज बाला जी के बारे में सभी जानते हैं। यह सब कुछ संभव हो पाया केवल मां के कारण। यह घटना मेरे दिल के करीब है। इस घटना ने मुझे मां के साथ अपने पवित्र रिश्ते का एहसास दिलाया।
[परिवर्तन प्रकृति का नियम है]
सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम भी इस नियम का पालन कर रहे हैं। दर्शकों की बदलती पसंद का हम पूरा ध्यान रख रहे हैं। हमारे बैनर तले बन रहे धारावाहिकों के बदले रंग-ढंग से दर्शकों को भी इस बात का एहसास हो गया होगा। मुझे लगता है हमारा नया धारावाहिक दर्शकों को अवश्य पसंद आएगा।
Wednesday, May 20, 2009
वह घटना मेरे दिल के करीब है: एकता कपूर
[सौम्या अपराजिता]
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jankari ke liye dhanyvad kuch sakaratmak dikhna chahiye
ReplyDeleteThanx to u for Information
ReplyDeleteMUMBAI TIGER